उत्तर प्रदेश का विभाजन क्यों आवश्यक है
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उत्तर प्रदेश के विभाजन की मांग: पश्चिम प्रदेश निर्माण का संघर्ष
उत्तर प्रदेश को चार राज्यों में विभाजित करने की मांग तेजी से बढ़ रही है, जिसमें पश्चिम प्रदेश, बुंदेलखंड, पूर्वांचल, और अवध प्रदेश शामिल हैं। मायावती सरकार ने भी एक प्रस्ताव तैयार कर इसे केंद्र सरकार को भेजा था, जिसमें राज्य के विभाजन के महत्व को दर्शाया गया है।
विभाजन की मांग का कारण
- अत्यधिक जनसंख्या: उत्तर प्रदेश की जनसंख्या लगभग 25 करोड़ है, जो इसे भारत का सबसे बड़ा राज्य बनाती है। अन्य राज्यों की औसत जनसंख्या लगभग 4.5 करोड़ है, जो इस राज्य के प्रशासन को बेहद कठिन बना देती है।
- विशाल क्षेत्रफल: राज्य का क्षेत्रफल 2,40,928 वर्ग किलोमीटर है, जबकि अन्य राज्यों का औसत क्षेत्रफल केवल 35,000 वर्ग किलोमीटर है। इतने बड़े क्षेत्रफल में सरकार के लिए विकास कार्यों को संतुलित करना चुनौतीपूर्ण है।
- अधिक जिलों की संख्या: उत्तर प्रदेश में 75 जिले हैं, जो कि भारत के किसी भी राज्य में सबसे अधिक हैं। अन्य राज्यों में औसत जिलों की संख्या लगभग 16 होती है।
- सांसदों की संख्या: राज्य में 80 सांसद हैं, जो देश के अन्य राज्यों के औसत 15 सांसदों की तुलना में काफी अधिक है। इससे संसद में यूपी का दबदबा रहता है, लेकिन स्थानीय मुद्दों को उठाना कठिन हो जाता है।
पश्चिम प्रदेश निर्माण मोर्चा का आंदोलन
पश्चिम प्रदेश निर्माण मोर्चा उत्तर प्रदेश के 27 जिलों को मिलाकर अलग राज्य की मांग कर रहा है। इसके लिए मोर्चा ने सांसदों को ज्ञापन सौंपे हैं और संसद में अपनी मांग को पुरजोर ढंग से उठाने की अपील की है। इसी क्रम में नगीना के सांसद श्री चंद्रशेखर आजाद ने संसद में इस मांग को जोरदार ढंग से प्रस्तुत किया और आंदोलन का समर्थन किया।
बुंदेलखंड राज्य निर्माण का आंदोलन
बुंदेलखंड राज्य निर्माण मोर्चा भी अपनी मांगों को लेकर सक्रिय है। “कसम राम की खाते हैं, बुंदेलखंड राज्य बनवाएंगे” जैसे नारों के साथ रथ यात्रा 20 सितंबर से ललितपुर से प्रारंभ होगी और 28 सितंबर को चित्रकूट में समाप्त होगी। मोर्चा के अध्यक्ष भानू सहाय और बुंदेलखंड अधिकार मंच के संस्थापक अमित खंगार के नेतृत्व में इस आंदोलन को तेज करने की योजना है।
पश्चिम प्रदेश निर्माण और लोकसभा चुनाव का असर
29 जुलाई 2024 को पश्चिम प्रदेश निर्माण मोर्चा की कोर कमेटी की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि पश्चिम प्रदेश निर्माण को लोकसभा चुनावों के दौरान भी जोर-शोर से उठाया जाएगा। गाजियाबाद और मेरठ में 15 अगस्त के बाद बड़ी जनसभा आयोजित करने का प्रस्ताव भी पारित किया गया है, ताकि आंदोलन को तेज किया जा सके। महासचिव कर्नल सुधीर ने सभी से इस महान कार्य के लिए आर्थिक सहयोग देने की अपील की है।
आर्थिक सहयोग के लिए बैंक विवरण
पश्चिम प्रदेश निर्माण के लिए आर्थिक सहयोग के लिए निम्नलिखित बैंक विवरण साझा किए गए हैं:
- खाता संख्या: 34872470244
- IFSC कोड: SBIN0012987
- Paytm: 9911577127

उत्तर प्रदेश के विभाजन की मांग सिर्फ एक प्रशासनिक सुधार का मुद्दा नहीं है; यह लाखों लोगों के जीवन को बेहतर बनाने और विकास को संतुलित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। पश्चिम प्रदेश निर्माण और अन्य राज्यों की मांगें क्षेत्रीय विकास को गति देने के लिए आवश्यक हैं और इन आंदोलनों के माध्यम से इसे जल्द ही संभव बनाया जा सकता है।