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अनार चला आस्ट्रेलिया तो राजा मिर्चा पहुंचा लंदन, जानिए मोदी राज में कृषि एक्सपोर्ट कैसे बना रहा रिकॉर्ड

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India Agriculture Export: पीएम मोदी के नेतृत्व में, भारत का कृषि एक्सपोर्ट नये-नये रिकॉर्ड बना रहा है. भारत से कई फल, सब्जियां और अनाज पहली बार अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक पहुंचे हैं. यह न सिर्फ भारत के व्यापार को बढ़ा रहा है, बल्कि देश के किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत भी बना रहा है. भारत अपनी समृद्ध कृषि विरासत को दुनिया के सामने ला रहा है. ग्लोबल फूड सप्लाई चेन में भारत की धमक अब सुनाई देने लगी है.  ऑस्ट्रेलिया पहुंचा भारतीय अनारभारत ने समुद्र के जरिए प्रीमियम सांगोला और भगवा अनार की पहली खेप ऑस्ट्रेलिया भेजी है. यह सफलता ऑस्ट्रेलिया में भारत के ताजे फलों के बाजार तक पहुंच बनाती है. इसके जरिए फलों और सब्जियों के मार्केट में भारत ग्लोबल सप्लाई चेन में प्रवेश कर रहा है.अंजीर का जूस पोलैंड पहुंचाभारत की अनूठी जीआई टैग वाली पुरंदर अंजीर अब यूरोप में धूम मचा रही है. 2024 में, मोदी सरकार ने पुरंदर अंजीर से बने भारत के पहले रेडी-टू-ड्रिंक अंजीर जूस को पोलैंड में एक्सपोर्ट किया. इससे पहले 2022 में जर्मनी को भी एक्सपोर्ट किया गया था. पुरंदर अंजीर अपने अनोखे स्वाद और बनावट के लिए जाना जाता है. इसके जरिए भारत अब ग्लोबल एग्रो प्रोडक्ट्स में अपना स्थान बना रहा है.लंदन से बहरीन तक ड्रैगन फ्रूट हुआ एक्सपोर्टअपने फलों के एक्सपोर्ट में विविधता लाने के भारत के प्रयास के तहत, फाइबर और मिनिरल युक्त ड्रैगन फ्रूट को 2021 में लंदन और बहरीन में निर्यात किया गया था. ड्रैगन फ्रूट को स्थानीय रूप से ‘कमलम’ के नाम से जाना जाता है. लंदन को एक्सपोर्ट की जाने वाली खेप गुजरात के कच्छ क्षेत्र के किसानों से प्राप्त की गई थी, जबकि बहरीन की खेप पश्चिम मिदनापुर (पश्चिम बंगाल) के किसानों से प्राप्त की गई थी.अमेरिका के लिए ताजा अनार का पहला शिपमेंट2023 में, भारत ने संयुक्त राज्य अमेरिका को हवाई मार्ग से ताजा अनार की पहली खेप एक्सपोर्ट करके अमेरिकी बाजार में अपनी उपस्थिति बढ़ाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया. महाराष्ट्र से भगवा अनार की पर्याप्त निर्यात क्षमता है और देश से फल का लगभग 50 प्रतिशत एक्सपोर्ट राज्य के सोलापुर जिले से होता है.असम का ‘लेटेकु’ फल दुबई गया2021 में, बर्मीज अंगूर की पहली खेप गुवाहाटी से दिल्ली के माध्यम से दुबई भेजी गई थी. बर्मीज अंगूर को असमिया में ‘लेटेकू’ के रूप में जाना जाता है. इस एक्सपोर्ट ने असम की उपज को वैश्विक मानचित्र पर ला दिया, जिससे अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में भारत के पूर्वोत्तर राज्यों की क्षमता साबित हुई.त्रिपुरा से जर्मनी तक कटहलजर्मनी को 2021 में त्रिपुरा से भारत के ताजे कटहल का स्वाद मिला. सबसे पहले, ताजा कटहल की एक खेप हवाई मार्ग से त्रिपुरा से जर्मनी तक एक्सपोर्ट की गई थी. एक मीट्रिक टन ताजे कटहल की पहली खेप अगरतला से रवाना की गई.  यह पूर्वोत्तर राज्यों को भारत के कृषि और प्रोसेस्ड फूड मार्केट के एक्सपोर्ट मैप पर लाने के लिए मोदी सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों को दर्शाता है.’राजा मिर्चा’ पहली बार लंदन पहुंचा2021 में, उत्तर-पूर्वी क्षेत्र से जीआई उत्पादों के निर्यात को बड़े पैमाने पर बढ़ावा देने के लिए, नागालैंड से ‘राजा मिर्चा’ की एक खेप पहली बार हवाई मार्ग से गुवाहाटी के रास्ते लंदन निर्यात किया गया. राजा मिर्चा को किंग चिली भी कहा जाता है. इसकी खराब होने वाली प्रकृति को देखते हुए, इस प्रोडक्ट को एक्सपोर्ट करना एक चुनौती थी, लेकिन भारत ने सफलतापूर्वक इसके हवाई शिपमेंट की सुविधा प्रदान की, जो विशेष कृषि-निर्यात को संभालने में भारत की क्षमताओं को उजागर करता है.अमेरिका को ‘लाल चावल’ भी भेजा2021 में, भारत की चावल निर्यात क्षमता को बड़ा बढ़ावा देते हुए, ‘लाल चावल’ की पहली खेप को संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए रवाना किया गया. आयरन से भरपूर ‘लाल चावल’ असम की ब्रह्मपुत्र घाटी में बिना किसी रासायनिक उर्वरक के उपयोग के उगाया जाता है. चावल की किस्म को ‘बाओ-धान’ कहा जाता है, जो इसका एक अभिन्न अंग है.दुबई और शारजाह पहुंचा अनानास2022 में, भारत ने केरल के वज़हाकुलम से दुबई और शारजाह  के लिए जीआई टैग्ड “वज़हकुलाम अनानास” की पहली खेप को हरी झंडी दिखाई. इससे अनानास किसानों को बेहतर आय मिलेगी और वैश्विक बाजार में उनके उत्पाद को अधिक बढ़ावा मिलेगा.

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