newswomen.in

Empowering Voices, Informing Minds

अतुल सुभाष आत्महत्या केस: सहकर्मियों ने दहेज उत्पीड़न कानून में सुधार की मांग की

1 min read

बेंगलुरु पुलिस ने अतुल सुभाष की ससुराल में नोटिस नोटिस चस्पाकर उनकी पत्नी, सास, और अन्य आरोपियों को 3 दिनों के अंदर पूछताछ के लिए बेंगलुरु पुलिस के सामने पेश होने का आदेश दिया है. दूसरी तरफ, आरोपियों ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में अग्रिम जमानत की अर्जी दाखिल की है. इसी बीच, बेंगलुरू में अतुल के दोस्तों और सहकर्मियों ने पुलिस और न्यायिक व्यवस्था में सुधार की मांग उठाई है.IIM अहमदाबाद की ग्रैजुएट प्रत्यूषा चल्ला ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि 5 साल पहले उनके भाई के खिलाफ दहेज उत्पीड़न का मामला दर्ज हुआ था. उन्हें आरोपी नंबर 4 बनाया गया है. आज तक ट्रायल शुरू नहीं हुआ और इस मामले ने उनका करियर बर्बाद कर दिया है.IIM के प्रत्यूषा चल्ला ने बताया कि पांच साल से मैं कानूनी लड़ाई लड़ रही हूं. ट्रायल शुरू नहीं हुआ है. मेरा पासपोर्ट ब्लॉक है और मेरी पेशेवर ज़िंदगी पर इसका गहरा असर पड़ा है.AI इंजीनियर अतुल के लिए न्याय की मांग कर रहे सेव इंडियन फैमिली फाउंडेशन (SIFF) ने दहेज उत्पीड़न से जुड़े मामलों में पुलिस और न्यायिक प्रक्रिया में बदलाव की जरूरत पर जोर दिया है.SIFF के सदस्य अनिल मूर्ति ने कहा कि सिंगल-विंडो न्यायिक प्रणाली होनी चाहिए, जहां तलाक, बच्चों की कस्टडी, गुजारा भत्ता, और दहेज उत्पीड़न जैसे जुड़े मामलों की सुनवाई एक ही कोर्ट में हो. इससे महिला और पुरुष दोनों के लिए न्याय प्रक्रिया सरल होगी.बता दें कि आत्महत्या से पहले अतुल सुभाष ने 24 पन्नों का सुसाइड नोट और 81 मिनट का वीडियो जारी किया था. इसमें उन्होंने ससुराल वालों पर उत्पीड़न का आरोप लगाया था. वहीं, निकिता की मां ने अतुल के सभी आरोपों को खारिज कर कहा कि उन्होंने सिर्फ अपनी कुंठा जाहिर करने के लिए उनके परिवार पर इस तरह के गंभीर आरोप लगाए हैं, जिसमें बिल्कुल भी सच्चाई नहीं है.

Loading

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed

Copyright © All rights reserved. | Newsphere by AF themes.