भारतीय सरकार का बड़ा फैसला: अनौपचारिक क्षेत्रों में श्रमिकों के लिए बढ़ी न्यूनतम मजदूरी
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नई दिल्ली: भारतीय सरकार ने 1 अक्टूबर 2023 से निर्माण, खनन और कृषि जैसे अनौपचारिक क्षेत्रों में काम करने वाले श्रमिकों के लिए न्यूनतम मजदूरी में वृद्धि करने का फैसला किया है। यह निर्णय श्रमिकों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने और उनके जीवन स्तर में सुधार लाने के उद्देश्य से लिया गया है।
निर्णय का विवरण
केंद्रीय श्रम मंत्रालय के अनुसार, नए नियमों के तहत न्यूनतम मजदूरी में 10 से 15 प्रतिशत की वृद्धि की जाएगी। यह बढ़ोतरी क्षेत्र के अनुसार अलग-अलग होगी। निर्माण क्षेत्र में काम करने वाले श्रमिकों के लिए न्यूनतम मजदूरी अब 400 रुपये प्रति दिन होगी, जबकि खनन और कृषि क्षेत्र में काम करने वाले श्रमिकों के लिए यह 350 रुपये प्रति दिन निर्धारित की गई है।
श्रमिकों के लिए लाभ
इस निर्णय का मुख्य उद्देश्य अनौपचारिक क्षेत्र में कार्यरत श्रमिकों की आर्थिक सुरक्षा को बढ़ाना है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह बढ़ी हुई मजदूरी श्रमिकों की जीवनशैली में सुधार लाएगी, जिससे वे बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं और शिक्षा का लाभ उठा सकेंगे।
सरकार की पहल
केंद्र सरकार ने बताया कि यह निर्णय मजदूरी की मौजूदा दरों की समीक्षा के बाद लिया गया है, ताकि श्रमिकों को समय के साथ महंगाई के अनुसार उचित मजदूरी मिल सके। श्रम मंत्री ने कहा, “हमारे लिए यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि हमारे श्रमिकों को उनके काम के अनुसार सही पारिश्रमिक मिले।”
प्रतिक्रिया
इस निर्णय का स्वागत करते हुए श्रमिक संगठनों ने इसे सकारात्मक कदम बताया है। भारतीय मजदूर संघ के महासचिव ने कहा, “यह श्रमिकों के अधिकारों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। हमें उम्मीद है कि इससे श्रमिकों की स्थिति में सुधार होगा।”
इस निर्णय से यह स्पष्ट होता है कि सरकार श्रमिकों के कल्याण को लेकर गंभीर है और अनौपचारिक क्षेत्रों में काम करने वालों की बेहतरी के लिए सक्रिय कदम उठा रही है। इस नई पहल का प्रभाव सीधे तौर पर लाखों श्रमिकों के जीवन पर पड़ेगा, और उम्मीद की जा रही है कि यह उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत करने में मददगार साबित होगा।
सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि वह भविष्य में भी श्रमिकों के अधिकारों की रक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाती रहेगी।