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भारत में ऑर्गेनिक फार्मिंग: एक नई दिशा और सरकारी समर्थन

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नयी दिल्ली: भारत में ऑर्गेनिक फार्मिंग (Organic Farming) ने कृषि क्षेत्र में एक नई क्रांति का सूत्रपात किया है। पारंपरिक खेती से हटकर, ऑर्गेनिक फार्मिंग न केवल मिट्टी की गुणवत्ता और पर्यावरण की रक्षा करती है, बल्कि यह किसानों के लिए एक स्थिर और लाभकारी व्यवसाय का अवसर भी प्रस्तुत करती है। इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि भारत में ऑर्गेनिक फार्मिंग कैसे संचालित हो रही है, इसके लाभ क्या हैं, सरकार और अन्य संगठनों की ओर से प्राप्त समर्थन, प्रशिक्षण केंद्र, और इसके लिए उपयुक्त मौसम की स्थिति क्या हो सकती है।

ऑर्गेनिक फार्मिंग के लाभ:

  1. मिट्टी और पर्यावरण की रक्षा: ऑर्गेनिक फार्मिंग में रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों का उपयोग नहीं किया जाता है, जिससे मिट्टी की गुणवत्ता बनाए रहती है और पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता। यह मिट्टी की उर्वरता को प्राकृतिक तरीके से बढ़ाता है।
  2. स्वास्थ्य लाभ: ऑर्गेनिक उत्पादों में रसायनों की कमी के कारण, ये स्वास्थ्य के लिए बेहतर होते हैं। इससे खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित होती है और बीमारी की संभावनाएँ कम होती हैं।
  3. उच्च बाजार मूल्य: ऑर्गेनिक फसलों की बाजार मूल्य पारंपरिक फसलों की तुलना में अधिक होती है। उपभोक्ताओं के बीच बढ़ती स्वास्थ्य जागरूकता ने ऑर्गेनिक उत्पादों की मांग में वृद्धि की है।
  4. सतत कृषि और दीर्घकालिक लाभ: ऑर्गेनिक फार्मिंग दीर्घकालिक स्थिरता को बढ़ावा देती है। यह भूमि की उर्वरता को बनाए रखती है और पर्यावरणीय संसाधनों का अधिकतम उपयोग करती है।
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सरकारी समर्थन और योजनाएँ:

भारत सरकार ने ऑर्गेनिक फार्मिंग को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएँ और सब्सिडी प्रदान की हैं:

  1. प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (PMKSY): इस योजना के अंतर्गत, किसानों को ऑर्गेनिक खेती के लिए आवश्यक सिंचाई उपकरणों और बुनियादी ढाँचे की स्थापना के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
  2. राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (RKVY): RKVY के तहत ऑर्गेनिक फार्मिंग को प्रोत्साहित करने के लिए सब्सिडी और तकनीकी सहायता प्रदान की जाती है। इसमें बायोफर्टिलाइजर्स, बायोपेस्टिसाइड्स, और अन्य ऑर्गेनिक इनपुट्स के लिए सहायता शामिल है।
  3. ऑर्गेनिक सर्टिफिकेशन योजना: भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) द्वारा संचालित, यह योजना किसानों को ऑर्गेनिक सर्टिफिकेशन प्राप्त करने के लिए सहायता और मार्गदर्शन प्रदान करती है।
  4. नैशनल मिशन ऑन एग्रीकल्चर एक्स्टेंशन एंड टेक्नोलॉजी (NMAET): यह मिशन ऑर्गेनिक फार्मिंग के लिए प्रशिक्षण और तकनीकी सहायता प्रदान करता है, जिससे किसानों को उन्नत तकनीकों और प्रबंधन प्रथाओं का लाभ मिल सके।

प्रशिक्षण केंद्र और संसाधन:

भारत में ऑर्गेनिक फार्मिंग से संबंधित कई प्रशिक्षण केंद्र और संसाधन उपलब्ध हैं:

  1. कृषि विज्ञान केंद्र (KVK): विभिन्न राज्यों में कृषि विज्ञान केंद्र ऑर्गेनिक फार्मिंग पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करते हैं। इन केंद्रों पर किसानों को खेती की नई तकनीकों, बीजों, और बायोफर्टिलाइजर्स के उपयोग के बारे में जानकारी मिलती है।
  2. ऑर्गेनिक फॉर्मिंग इंस्टीट्यूट्स: जैसे भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) और पंतनगर विश्वविद्यालय ऑर्गेनिक फार्मिंग पर विशेष शोध और प्रशिक्षण प्रदान करते हैं।
  3. NGOs और किसान संगठनों: कई गैर-सरकारी संगठन (NGOs) और किसान संघ ऑर्गेनिक फार्मिंग को प्रोत्साहित करने के लिए प्रशिक्षण, संसाधन, और तकनीकी सहायता प्रदान करते हैं।
  4. ऑनलाइन संसाधन और वेबिनार: विभिन्न ऑनलाइन प्लेटफॉर्म और वेबिनार ऑर्गेनिक फार्मिंग के लिए प्रशिक्षण और जानकारी प्रदान करते हैं, जिससे किसान घर बैठे सीख सकते हैं।

मौसम की स्थिति और उपयुक्तता:

ऑर्गेनिक फार्मिंग के लिए मौसम की स्थिति का विशेष महत्व होता है। अधिकांश ऑर्गेनिक फसलों को मध्यम से गर्म मौसम की आवश्यकता होती है। सामान्यत: निम्नलिखित परिस्थितियाँ ऑर्गेनिक खेती के लिए उपयुक्त होती हैं:

  1. आद्रता और जलवायु: गर्म और आर्द्र जलवायु वाली जगहें जैसे दक्षिण भारत के राज्य और तटीय क्षेत्रों में ऑर्गेनिक फार्मिंग के लिए अनुकूल परिस्थितियाँ होती हैं।
  2. मिट्टी की गुणवत्ता: अच्छी जल निकासी वाली और उर्वरता से भरपूर मिट्टी ऑर्गेनिक फार्मिंग के लिए आदर्श होती है। इसमें नमी की उपलब्धता और सही पीएच स्तर महत्वपूर्ण होता है।
  3. वर्षा और सिंचाई: ऑर्गेनिक खेती में वर्षा और सिंचाई की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। नियमित वर्षा और उचित सिंचाई प्रणाली से फसलों को जरूरी पानी मिलता है।

उदाहरण और सफलता की कहानियाँ:

कर्नाटक, उत्तराखंड, और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों में किसानों ने ऑर्गेनिक फार्मिंग के माध्यम से सफलता प्राप्त की है। इन राज्यों में कृषि आधारित परियोजनाओं और उपयुक्त प्रशिक्षण के कारण किसान अपने फसलों की गुणवत्ता और आय में सुधार करने में सफल हुए हैं।

अंतिम विचार:

ऑर्गेनिक फार्मिंग भारतीय कृषि के लिए एक महत्वपूर्ण और लाभकारी विकल्प साबित हो रही है। इसके कई लाभ, जैसे कि पर्यावरणीय सुरक्षा, स्वास्थ्य लाभ, और उच्च बाजार मूल्य, इसे एक आकर्षक कृषि गतिविधि बनाते हैं। उचित सरकारी समर्थन, प्रशिक्षण, और उपयुक्त मौसम की स्थिति के साथ, ऑर्गेनिक फार्मिंग भारतीय किसानों के लिए एक स्थिर और समृद्ध भविष्य का आश्वासन देती है।

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