अग्निपथ योजना: भारत में सेना भर्ती में नया परिवर्तन

संपादकीय:
भारत सरकार ने हाल ही में अग्निपथ योजना की घोषणा की है, जो भारतीय सशस्त्र बलों में नई भर्ती प्रणाली को प्रस्तुत करती है। इस योजना के अंतर्गत, युवाओं को चार साल के लिए सैनिकों के रूप में भर्ती किया जाएगा, जिसके बाद उन्हें सेवा के दौरान प्रदर्शन के आधार पर स्थायी नौकरी के लिए चुना जाएगा। इस कदम का उद्देश्य भारतीय सेना की युवा और सक्रिय पीढ़ी को बढ़ावा देना है, लेकिन इसके साथ ही यह योजना कई विवादों का कारण भी बनी है।
योजना की विशेषताएँ:
- समय सीमा: युवा भर्ती के लिए आयु सीमा 17.5 से 21 वर्ष तक है। यह युवाओं को चार साल की सेवा का अवसर प्रदान करता है।
- सेना का स्वरूप: अग्निपथ योजना के तहत भर्ती होने वाले युवाओं को ‘अग्निवीर’ कहा जाएगा। ये सैनिक चार वर्षों के बाद या तो स्थायी सेवा के लिए चयनित हो सकते हैं या फिर उन्हें सेवामुक्त कर दिया जाएगा।
- लाभ: चार साल के बाद, अग्निवीरों को विभिन्न क्षेत्रों में नौकरी पाने में प्राथमिकता मिलेगी। सरकार ने यह सुनिश्चित करने का आश्वासन दिया है कि उन्हें निजी क्षेत्र में भी रोजगार के अवसर प्रदान किए जाएंगे।
विरोध और आलोचना: इस योजना का कई संगठनों और युवाओं ने विरोध किया है। कई छात्रों का कहना है कि चार साल की सेवा स्थायी नौकरी की स्थिरता नहीं देगी। विरोध प्रदर्शनों में छात्रों ने इसे ‘नौकरी का जाल’ कहा है और सरकार पर आरोप लगाया है कि यह सही तरीके से नौकरी की सुरक्षा नहीं दे रही है। विपक्षी दलों ने इसे चुनावी रणनीति करार दिया है।
सरकार का पक्ष: सरकार का कहना है कि इस योजना से सेना की दक्षता बढ़ेगी और युवा भर्ती के जरिए एक नई सोच और ऊर्जा का समावेश होगा। रक्षा मंत्री ने कहा कि यह योजना भारत की रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने के लिए आवश्यक है।