नाग पंचमी: महत्व और इसके पीछे की कहानियाँ
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भारत के विभिन्न हिस्सों में मनाए जाने वाले त्योहारों में नाग पंचमी एक महत्वपूर्ण पर्व है। यह पर्व खासतौर पर नागों की पूजा और उनके प्रति श्रद्धा अर्पित करने के लिए समर्पित होता है। नाग पंचमी हर साल श्रावण माह की पंचमी तिथि को मनाई जाती है, जो कि जुलाई-अगस्त के बीच आती है। इस साल नाग पंचमी 11 अगस्त 2024 को मनाई जाएगी , इस पर्व का मुख्य उद्देश्य नागों की पूजा करना और उन्हें सम्मान अर्पित करना होता है। इसके पीछे कई धार्मिक और पौराणिक कारण हैं:

- धार्मिक मान्यता: हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, नाग या सर्प शक्तिशाली और दिव्य प्राणी होते हैं। ये पृथ्वी और आकाश के बीच संतुलन बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। नाग पंचमी पर उनकी पूजा करके उन्हें सम्मानित किया जाता है और उनके आशीर्वाद की प्राप्ति की जाती है।
- समुद्र मंथन की घटना: नाग वासुकी समुद्र मंथन के समय भगवान विष्णु के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इस घटना में वासुकी नाग को समुद्र मंथन के दौरान एक रस्सी के रूप में प्रयोग किया गया था। इस दिन वासुकी नाग की पूजा करके उनके प्रति आभार प्रकट किया जाता है।
- नागों से सुरक्षा: भारतीय मान्यता के अनुसार, नागों की पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि और सुरक्षा का वादा होता है। यह माना जाता है कि नागों की पूजा से बुरी ताकतों से सुरक्षा मिलती है और व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।
- कृषि और फसल की रक्षा: नागों को पानी और फसलों के साथ जोड़ा जाता है। कृषि प्रधान देश होने के नाते, नाग पंचमी पर पूजा करके फसल और कृषि की रक्षा की जाती है। इस दिन नागों की पूजा से बाढ़ और सूखा जैसी समस्याओं से बचाव की आशा की जाती है।
- सांस्कृतिक महत्व: नाग पंचमी भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह पर्व प्राकृतिक शक्तियों और उन पर निर्भरता की भावना को प्रकट करता है। नाग पंचमी के अवसर पर पारंपरिक रिवाजों और अनुष्ठानों को निभाकर सांस्कृतिक धरोहर को बनाए रखा जाता है।
- कहानी और मान्यताएँ
- नाग वासुकी – नाग पंचमी के दिन वासुकी नाग की पूजा की जाती है। वासुकी नाग समुद्र मंथन के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्हें भगवान शिव के गले में लिपटा हुआ देखा जाता है। वासुकी नाग की पूजा से समृद्धि और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
- नाग शेष – शेष नाग, जिसे अनंत भी कहा जाता है, भगवान विष्णु के शैय्या के रूप में पूजा जाता है। शेष नाग के हजारों सिर होते हैं, और वह धरती को अपनी नाग छाया पर रखता है। उनकी पूजा से शांति और स्थिरता की प्राप्ति होती है।
- नाग कालिया – कालिया नाग की कहानी बहुत प्रसिद्ध है, जिसमें भगवान कृष्ण ने उसे यमुना नदी से बाहर निकाला और उसे पराजित किया। इस घटना की पूजा और स्मरण से बुराई पर अच्छाई की जीत की याद ताजा होती है।
- नाग पद्मा – पद्मा नाग को जीवन और प्रजनन से जोड़ा जाता है। उनकी पूजा से घर में सुख-समृद्धि और संतान सुख की प्राप्ति होती है।
- पूजा विधियाँ
- नाग पंचमी के दिन श्रद्धालु अपने घरों में नाग देवता की पूजा करते हैं। इस दिन लोग नागों की प्रतिमाएँ या चित्र घर में रखते हैं और उन्हें दूध, फूल और हल्दी चढ़ाते हैं। विशेष रूप से रोटियाँ और दूध नागों को अर्पित किए जाते हैं। इसके अलावा, कई लोग इस दिन व्रत भी रखते हैं और पवित्र नदियों में स्नान करके नाग देवताओं की पूजा करते हैं।
- नाग पंचमी भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो प्राकृतिक शक्तियों और उनके प्रति सम्मान की भावना को प्रकट करता है। इस दिन की पूजा से न केवल धार्मिक लाभ मिलता है, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक एकता भी बनी रहती है।