आज का हामाास हमला: इज़राइल और हामाास के बीच बढ़ते तनाव की अंदरूनी कहानी
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दिनांक: 13 अगस्त, 2024 गाज़ा पट्टी और दक्षिणी इज़राइल
गाज़ा पट्टी से हामाास द्वारा आज सुबह इज़राइल पर एक संगठित और घातक हमला किया गया। इस हमले ने दोनों पक्षों के बीच तनाव को चरम पर पहुंचा दिया है, जिसमें बड़ी संख्या में नागरिक और सैनिक हताहत हुए हैं। हमले के बाद इज़राइल की जवाबी कार्रवाई ने स्थिति को और भी गंभीर बना दिया है। आइए इस संघर्ष की अंदरूनी कहानी और इसके पीछे की जटिलताओं पर नजर डालते हैं।
हमले की विस्तृत जानकारी:
आज तड़के 5 बजे के आसपास, गाज़ा पट्टी से हामाास ने दक्षिणी इज़राइल पर सैकड़ों रॉकेट दागे। इनमें से कई रॉकेट इज़राइल के प्रमुख शहरों और कस्बों में गिरे, जिससे भारी नुकसान हुआ। इस हमले का सबसे बुरा असर तेल अवीव और अशदोद जैसे शहरों पर पड़ा, जहां इमारतें ध्वस्त हो गईं और सैकड़ों लोग घायल हो गए।
इस हमले के तुरंत बाद, इज़राइली सेना ने गाज़ा पट्टी में हामाास के ठिकानों पर हवाई हमले किए। इज़राइली सेना के प्रवक्ता ने बताया कि यह कार्रवाई हामाास के रॉकेट हमलों के जवाब में की गई है, और इसका उद्देश्य हामाास की सैन्य क्षमता को कमजोर करना है। हामाास के सूत्रों ने बताया कि इज़राइली हमलों में उनके कई वरिष्ठ कमांडर मारे गए हैं, जिससे संगठन को बड़ा झटका लगा है।
अंदरूनी कहानी:
इज़राइल और हामाास के बीच का यह ताजा संघर्ष अचानक नहीं हुआ है। पिछले कुछ हफ्तों से दोनों पक्षों के बीच तनाव बढ़ता जा रहा था। गाज़ा पट्टी में रहने वाले फिलिस्तीनी नागरिक लंबे समय से इज़राइल की नाकेबंदी और हमलों से परेशान हैं। वहीं, इज़राइल को हामाास से लगातार मिल रही धमकियों और हमलों का सामना करना पड़ रहा है।
हाल के दिनों में, हामाास ने गाज़ा पट्टी में अपनी सैन्य ताकत को बढ़ाया है और इज़राइल को बार-बार चेतावनी दी थी कि वह उनके खिलाफ कार्रवाई बंद करे। इज़राइल, जो अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है, ने हामाास की इन धमकियों को गंभीरता से लिया और अपनी सेना को हाई अलर्ट पर रखा।
इस बीच, इज़राइल और हामाास के बीच संघर्ष का एक और कारण पश्चिमी तट पर बढ़ता तनाव भी है। पिछले महीने, पश्चिमी तट में इज़राइल द्वारा की गई सैन्य कार्रवाई के बाद हामाास ने इज़राइल के खिलाफ अपने हमलों को तेज करने की धमकी दी थी। आज का हमला इसी का नतीजा माना जा रहा है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया:
इस हमले के बाद, अंतरराष्ट्रीय समुदाय में गहरी चिंता फैल गई है। संयुक्त राष्ट्र ने दोनों पक्षों से तुरंत संघर्ष विराम की अपील की है। अमेरिका ने इज़राइल के प्रति अपना समर्थन जताया है और हामाास के हमले की कड़ी निंदा की है। वहीं, कई इस्लामिक देशों ने हामाास के ‘प्रतिरोध’ को जायज ठहराया है और इज़राइल की कार्रवाई की आलोचना की है।
क्या होगा आगे?
इज़राइल और हामाास के बीच का यह संघर्ष कब और कैसे समाप्त होगा, यह कहना मुश्किल है। दोनों पक्ष अपनी-अपनी स्थितियों पर अडिग हैं और किसी भी तरह के समझौते के लिए तैयार नहीं दिख रहे हैं। आने वाले दिनों में इस संघर्ष के और बढ़ने की आशंका है, जिससे इस क्षेत्र में स्थायी शांति की संभावनाओं पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है।