newswomen.in

Empowering Voices, Informing Minds

म्यांमार भूकंप: 1600 से ज्यादा मौतें… 3400 से ज्यादा घायल… भयावह है मंजर, जानिए 10 बड़ी बातें

1 min read

म्‍यांमार में भूकंप के कारण अब तक 1,600 से अधिक लोगों की मौत की पुष्टि हुई है. वहीं इसमें करीब 3,400 लोग घायल हुए हैं. आपदा की भयावह तस्‍वीरें सामने आने के बाद मृतकों की संख्‍या 10 हजार तक पहुंचने की आशंका जताई जा रही है. भूकंप के कारण म्‍यांमार में कई इमारतें ढह गई और बड़ी संख्‍या में लोग मलबे में फंस गए. बचावकर्मी मलबे के टुकड़ो को हाथों से हटाकर अंदर फंसे लोगों के लिए रास्‍ता बनाने की कोशिश में जुटे हैं. बचावकर्मी 24 घंटे से अधिक वक्‍त से बचाव अभियान में जुटे हैं और पूरी तरह से थक चुके हैं.  म्‍यांमार में आए भीषण भूकंप का व्‍यापक असर थाइलैंड में भी हुआ है. जबरदस्‍त भूकंप के कारण थाइलैंड की राजधानी बैंकॉक में 10 लोगों की मौत हो गई और 16 लोग घायल हुए हैं. साथ ही फिलहाल 101 अन्य लोग लापता बताए जा रहे हैं. इस भूकंप के कारण पूरे थाईलैंड में तेज झटके महसूस किए गए. बैंकॉक में एक निर्माणाधीन ऊंची इमारत के मलबे में फंसे लोगों को निकालने की कोशिश की जा रही है. म्यांमार में आए शक्तिशाली भूकंप के एक दिन बाद शनिवार को शनिवार को 5.1 तीव्रता का एक और झटका आया. भूकंप का केंद्र राजधानी नेपीता के पास करीब 10 किमी की गहराई में था. सागाइंग के पास आए शुरुआती भूकंप के बाद इस इलाके में 2.8 से लेकर 7.5 तीव्रता के 12 झटके महसूस किए गए, जिससे पहले से ही भयावह स्थिति और भी गंभीर हो गई.  समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, मांडले, बागो, मैगवे, उत्तरपूर्वी शान राज्य, सागाइंग और नेपीता को सबसे ज्‍यादा प्रभावित क्षेत्रों के रूप में पहचाना गया है. म्यांमार सरकार ने राष्ट्रीय आपातकाल घोषित कर दिया है. नेपीता और मांडले के पास यांगून-मांडले राजमार्ग सहित महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे को हुए नुकसान ने राहत प्रयासों में काफी बाधा उत्पन्न की है. लोग अब प्रभावित क्षेत्रों तक पहुंचने और बचाव कार्यों में सहायता करने के लिए पुरानी यांगून-मांडले सड़क का उपयोग कर रहे हैं. मांडले एयरपोर्ट और राजमार्ग के कुछ हिस्सों में इमारतों के ढहने से म्यांमार के दो सबसे बड़े शहरों के बीच महत्वपूर्ण परिवहन संपर्क भी टूट गया है. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को कहा कि भारतीय नौसेना के जहाज आईएनएस सतपुड़ा और आईएनएस सावित्री ऑपरेशन ब्रह्मा के तहत सहायता लेकर म्यांमार के यांगून बंदरगाह की ओर बढ़ रहे हैं. ये जहाज भूकंप प्रभावित म्यांमार के लिए 40 टन मानवीय सहायता लेकर जा रहे हैं. इसके अलावा भारत ने शनिवार को म्‍यांमार में 15 टन राहत सामग्री भी भेजी है. यह सामग्री भारतीय वायु सेना के सी130जे सैन्य परिवहन विमान के जरिए म्यांमार के यांगून शहर भेजी गई है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने म्यांमार और थाईलैंड में भीषण भूंकप के कारण उत्पन्न स्थिति पर चिंता जताई और कहा कि दुख की इस घड़ी में भारत दोनों देशों को हरसंभव सहायता प्रदान करने के लिए तैयार है.साथ ही पीएम मोदी ने शनिवार को म्यांमार में सैन्य नेतृत्व वाली सरकार के प्रमुख मिन आंग हलिंग से बात की और विनाशकारी भूकंप में हुई मौतों पर अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की. पीएम मोदी ने एक्‍स पर कहा कि एक करीबी दोस्त और पड़ोसी के रूप में भारत इस कठिन समय में म्यांमार के लोगों के साथ एकजुटता से खड़ा है. ऑपरेशन ब्रह्मा के तहत आपदा राहत सामग्री, मानवीय सहायता, खोज और बचाव दल को प्रभावित क्षेत्रों में तेजी से भेजा जा रहा है.भूकंप प्रभावित म्यांमार में राहत और बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ के 80 कर्मियों की टीम भेजी जा रही है. एक अधिकारी ने बताया कि ‘ऑपरेशन ब्रह्मा’ के तहत एनडीआरएफ कर्मियों को पड़ोसी देश की सहायता के लिए मजबूत ‘कंक्रीट कटर’, ‘ड्रिल मशीन’, ‘हथौड़े’ आदि जैसे भूकंप बचाव उपकरणों के साथ भेजा जा रहा है. दिल्ली के निकट गाजियाबाद में तैनात एनडीआरएफ की आठवीं बटालियन के कमांडेंट पी के तिवारी यूएसएआर (शहरी खोज और बचाव) टीम का नेतृत्व करेंगे. अधिकारी ने बताया कि टीम खोजी कुत्तों को भी साथ ले जा रही है. 

Loading

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed

Copyright © All rights reserved. | Newsphere by AF themes.