newswomen.in

Empowering Voices, Informing Minds

मायावती का क्‍यों टूटा भतीजे आकाश से भरोसा? इन कारणों से नाराज हो गईं बसपा सुप्रीमो 

बसपा सुप्रीमो मायावती ने रविवार को ऐलान किया कि वह अब किसी को अपना उत्तराधिकारी नहीं बनाएंगी. इसके साथ ही मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद से सभी जिम्‍मेदारियां छीन ली हैं और उन्‍हें एक साल में दूसरी बार उत्तराधिकारी और नेशनल कॉर्डिनेटर के पद से हटा दिया गया है. साथ ही बसपा सुप्रीमो ने आगे किसी राजनीतिक परिवार से रिश्‍ता नहीं जोड़ने का भी फैसला किया है. रविवार को बसपा के राष्‍ट्रीय पदाधिकारियों की बैठक में दो नेशनल कॉर्डिनेटर बनाए गए हैं. इनमें एक मायावती के भाई आनंद कुमार हैं तो दूसरे रामजी गौतम हैं. हालांकि सबसे बड़ा सवाल है कि आखिर मायावती अपने भतीजे आकाश आनंद से नाराज क्‍यों हैं? पहले ससुर को किया पार्टी से निष्‍कासितबसपा अपने सबसे खराब दौर से गुजर रही है. 2019 के लोकसभा चुनाव को छोड़ दें तो 2014 के बाद से बसपा का प्रदर्शन अच्‍छा नहीं रहा है. इसी वजह से 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को अपना उत्तराधिकारी घोषित किया और नेशनल कॉर्डिनेटर बनाया. हालांकि चुनाव के दौरान ही मायावती ने उन्‍हें अपरिपक्‍व बताया और हटा भी दिया. हालांकि चुनाव खत्‍म होने के बाद फिर उन्‍हें नेशनल कॉर्डिटनेटर बना दिया गया. हालांकि अब आकाश आनंद को जिम्‍मेदारियों से मुक्‍त करना उनके ससुर अशोक सिद्धार्थ से भी जोड़कर देखा जा रहा है. मायावती ने आकाश के ससुर अशोक सिद्धार्थ को पिछले महीने पार्टी से निष्कासित किये जाने के बाद यह कदम उठाया है. ससुराल के कारण नप गए आनंद!बताया जा रहा है कि मायावती को ऐसा लगता है कि आकाश आनंद शादी के बाद से ही अपने ससुर, अपनी पत्‍नी और अपने ससुराल पक्ष के ज्‍यादा प्रभाव में हैं. बसपा खुद को एक आंदोलन बताती है और उस मूवमेंट में आकाश आनंद उस तन्‍मयता से नहीं लग पा रहे हैं, जिस तन्‍मयता से वो अपने ससुराल पक्ष के काम में लगे हुए हैं. शायद यही वजह है कि मायावती आकाश आनंद से नाराज हैं. आकाश आनंद के ससुर अशोक सिद्धार्थ पार्टी के वरिष्‍ठ नेता रहे हैं. वह राज्‍यसभा में रहे और उन्‍हें बसपा के कई राज्‍यों का प्रभारी भी बनाया गया था. हालांकि एक दिन जिस तरह से मायावती ने उन्‍हें हटाया, वो देखकर लगा कि वह उनसे काफी नाराज हैं. अशोक सिद्धार्थ पर फैसला हुआ था, तभी से इस बात के कयास लगने शुरू हो गए थे कि आकाश आनंद पर भी कोई कार्रवाई को सकती है, जो अब हो चुकी है.मायावती की दो घोषणाएं, निशाना एकमायावती ने दो बड़ी घोषणाएं की हैं, एक उत्तराधिकारी को लेकर और दूसरा राजनीतिक परिवारों में वो किसी तरह की रिश्‍तेदारी नहीं करेंगी. आकाश आनंद का अशोक सिद्धार्थ के एक राजनीतिक परिवार में रिश्‍ता किया गया था. ऐसे में दोनों घोषणाओं को अशोक सिद्धार्थ और आकाश आनंद से जोड़कर के देखा जा रहा है. आकाश आनंद लोकसभा चुनाव के दौरान जिस आक्रामकता के साथ प्रचार करते नजर आए थे, उससे ऐसा लगा था कि पार्टी में अब चेहरा आकाश आनंद ही बचे हैं. हालांकि एक युवा और आक्रामक नेता होने के बावजूद पार्टी को चुनाव में कोई फायदा नहीं हुआ. मायावती की नाराजगी के यह भी हैं बड़े कारण 1. अशोक सिद्धार्थ को बीएसपी से निकाला गया तो आकाश आनंद ने पोस्‍ट शेयर नहीं किया 2. अशोक सिद्धार्थ के बेटे की शादी में मायावती और उनके भतीजे ईशान आनंद नहीं पहुंचे, लेकिन आकाश सिद्धार्थ शामिल हुए. 3. करीबी पीयूष ने मायावती के मुकाबले में आकाश आनंद को प्रोजेक्‍ट करना शुरू किया. 4. रामजी गौतम और सतीश चंद्र मिश्र जैसे वरिष्‍ठ नेताओं की अनदेखी की गई. 2027 के विधानसभा चुनाव की तैयारी पर फोकसबसपा के राष्‍ट्रीय पदाधिकारियों की बैठक में यह तय किया गया कि पार्टी मजबूती से पहले अपने संगठन को ठीक करेगी और वोट बैंक तक पहुंचेगी. उत्तर प्रदेश में 2027 में होने वाला विधानसभा चुनाव कहीं न कहीं बसपा के राजनीतिक भविष्‍य का तय करने वाला चुनाव होगा. यदि पिछले चुनावों जैसी हालत ही इस बार भी होती है तो बसपा बचेगी या उस पर संकट आ जाएगा, यह बड़ा सवाल है. 

Loading

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed

Copyright © All rights reserved. | Newsphere by AF themes.