newswomen.in

Empowering Voices, Informing Minds

भारत-अमेरिका बाइलेट्रल ट्रेड एग्रीमेंट के तहत क्षेत्रीय विशेषज्ञ स्तर की बातचीत आगामी सप्ताहों में वर्चुअल रूप से शुरू होगी

1 min read

भारत और अमेरिका के बीच प्रस्तावित बहु-क्षेत्रीय द्विपक्षीय व्यापार समझौता (Bilateral Trade Agreement) का “टर्म्स ऑफ़ रिफरेन्स” तय करने के लिए चार दिवसीय भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता दिल्ली में शनिवार को खत्म हुई. इस महत्वपूर्ण बैठक के बाद जारी एक स्टेटमेंट में वाणिज्य मंत्रालय ने शनिवार को कहा, “निष्पक्षता, राष्ट्रीय सुरक्षा और रोजगार सृजन सुनिश्चित करने वाले विकास को बढ़ावा देने के साझा उद्देश्य को साकार करने के लिए, दोनों पक्षों ने नई दिल्ली में चार दिनों की चर्चा के माध्यम से मोटे तौर पर पारस्परिक रूप से लाभकारी, बहु-क्षेत्रीय द्विपक्षीय व्यापार समझौते (BTA) की दिशा में अगले कदमों पर सहमति बनाई है, जिसका लक्ष्य 2025 तक इसके पहले चरण को अंतिम रूप देना है. बीटीए के तहत क्षेत्रीय विशेषज्ञ स्तर की सहभागिता आने वाले हफ्तों में वर्चुअल रूप से शुरू होगी और व्यक्तिगत रूप से शुरुआती वार्ता दौर का मार्ग प्रशस्त करेगी”इन मुद्दों को हल करने पर होगा फोकसबैठक में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार बढ़ाने के लिए टैरिफ और नॉन-टैरिफ बाधाओं को नए सिरे से पुनर्गठित करने पर विचार हुआ. आने वाले हफ़्तों में दोनों देशों ने पारस्परिक रूप से लाभकारी, बहु-क्षेत्रीय द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर बातचीत करने की योजना बनायी है. दोनों देश मार्किट एक्सेस बढ़ाने, टैरिफ और गैर-टैरिफ बाधाओं को कम करने, सप्लाई चेन इंटीग्रेशन को बढ़ाने और द्विपक्षीय व्यापार से जुड़े मुद्दों को हल करने पर फोकस करेंगे.अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच 13 फरवरी, 2025 को हुई बातचीत के बाद जारी एक जॉइंट स्टेटमेंट में दोनों देश एक नए बाइलेट्रल ट्रेड एग्रीमेंट के ज़रिये 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को मौजूदा 190 बिलियन डॉलर से बढाकर 500 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक बढ़ाने का ऐलान  कर चुके हैं. वाणिजय मंत्रालय के मुताबिक, “इन चर्चाओं के दौरान दोनों पक्षों ने बाजार पहुंच बढ़ाने, टैरिफ और गैर-टैरिफ बाधाओं को कम करने और पारस्परिक रूप से लाभकारी तरीके से आपूर्ति श्रृंखला एकीकरण को गहरा करने सहित प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को गहरा करने पर विचारों का एक उत्पादक आदान-प्रदान किया”इस चार दिवसीय अधिकारी-स्तर की बैठक से पहले केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल वाशिंगटन डीसी की यात्रा पर गए थे जिस दौरान उन्होंने अपने अमेरिकी समकक्षों – अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि जेमीसन ग्रीर और वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लुटनिक से मुलाकात की थी और उसके बाद दोनों पक्षों के बीच वीडियो कॉन्फ्रेंस भी हुई थी.ये बैठक ऐसे समय पर हुई है जब भारत और दूसरे देशों के खिलाफ रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने की डेडलाइन 2 अप्रैल करीब है. न्यूज़ एजेंसी रायटर्स के मुताबिक भारत अमेरिका से आयात होने वाले लगभग आधे सामानों पर 23 बिलियन डॉलर तक आयात घटाने के विकल्प पर विचार कर रहा है.  सरकारी सूत्रों के मुताबिक, भारत सरकार ने ट्रम्प प्रशासन के साथ टैरिफ के सवाल पर बातचीत के ज़रिये एक लाइन ऑफ़ कम्युनिकेशन खोला है. कुछ सेक्टरों में भारत ने हाई टैरिफ लगाए हैं जिसको लेकर अमेरिका अपनी नाराज़गी जता चुका है. लेकिन चीन, कनाडा, मेक्सिको और EU के मुकाबले भारत का ट्रेड डेफिसिट काफी कम है, ऐसे में अमेरिका भारत के खिलाफ रेसिप्रोकाल टैरिफ लगाएगा इसकी संभावना कम है. साथ ही, अमेरिका ने भी कई प्रोडक्ट्स पर गैर-टैरिफ बैरियर्स लगाए हैं जिसको लेकर भारत चिंतित है.  एक्सपोर्टरों की संस्था Federation of Indian Export Organizations के आंकलन के मुताबिक अमेरिका अगर भारतीय प्रोडक्ट्स पर टैरिफ बढ़ाता है तो सबसे ज्यादा प्रभावित जेम्स एंड ज्वेलरी और ऑटो कंपोनेंट सेक्टर हो सकते हैं. सबसे ज्यादा 23% ड्यूटी डिफरेंशियल Auto Component सेक्टर में है. अगर ट्रंप प्रशासन ऑटो कॉम्पोनेंट प्रोडक्ट्स पर Tariff बढ़ता है तो इसका सबसे ज्यादा असर ऑटो कंपोनेंट सेक्टर पर पड़ेगा. भारत से सबसे ज्यादा एक्सपोर्ट Gems & Jewellery सेक्टर में होता है.  इस सेक्टर में अभी ड्यूटी डिफरेंशियल 13.1% है. अगर अमेरिका टैरिफ बढ़ता है तो इसका सबसे ज्यादा वैल्यू के दृष्टिकोण से असर जेम्स एंड ज्वेलरी सेक्टर पर पड़ेगा.

Loading

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed

Copyright © All rights reserved. | Newsphere by AF themes.