प्रयागराज में हो रहे महाकुंभ मेले में इन घाटों का है विशेष महत्व, जानिए यहां कैसे आसानी से पहुंच सकते हैं आप
1 min readHow to reach best ghat in Prayagraj during Mahakumbh Mela; प्रयागराज में 13 जनवरी से शुरू होने वाले महाकुंभ मेले (Mahakumbh Mela-2025) में अब केवल एक माह का समय रह गया है. वर्ष 2025 में प्रयागराज में आयोजित किया जा रहा महाकुंभ मेला (Mahakumbh Mela in Prayagraj) 45 दिन तक चलेगा. मेला प्रसाशन की ओर से महाकुंभ मेले की तैयारियां जोर शोर से की जा रही है. पवित्र संगम नगरी प्रयागराज में लगने वाले महाकुंभ मेले में देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं. देश विदेश तक तक ख्याति प्राप्त इस धार्मिक और सांस्कृतिक उत्सव के दौरान प्रयागराज के कई प्रमुख घाटों की यात्रा करना यादगार अनुभव होता है. यहां के कई घाट (Best Ghat in Prayagraj) अपनी सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है. मेले के दौरान भीड़-भाड़ के चलते उन खास घाटों तक पहुंचना आसान नहीं होता है. इन घाटों तक पहुंचने के लिए विशेष रास्ते अपनाने से पहुंचने में सुविधा हो सकती है. आइए जानते हैं प्रयागराज के महाकुंभ मेले में तीन खास घाटों तक कैसे आसानी से पहुंचा जा सकता है.साल की आखिरी सोमवती अमावस्या को इस मुहूर्त में करें स्नान-दानPhoto Credit: ANIमहाकुंभ मेला 2025प्रयागराज में महाकुंभ मेले की की शुरुआत 13 जनवरी 2025 को पौष पूर्णिमा स्नान के साथ होगी. इसके बाद महाशिवरात्रि के दिन 26 फरवरी को अंतिम स्नान के साथ महाकुंभ पर्व का समाप्त होगा. इस बार महाकुंभ मेला पूरे 45 दिन तक चलेगा.ऐसे पहुंचे प्रयागराज के प्रमुख घाटों तकसंगम घाटसंगम नगरी प्रयागराज का सबसे प्रमुख और महत्वपूर्ण घाट है संगम घाट है. यहां गंगा, यमुना और सरस्वती तीन पवित्र नदियां का संगम होता है और इसीलिए इसे संगम घाट के अलावा त्रिवेणी घाट के नाम से भी जानते हैं. माना जाता है संगम घाट पर डुबकी लगाने से तीनों नदियों गंगा, यमुना और सरस्वती का आशीर्वाद प्राप्त होता है. महाकुंभ मेले के दौरान यहां भक्त और श्रद्धालु उमड़ पड़ते हैं. प्रयागराज रेलवे स्टेशन से संगम घाट की दूरी लगभग 7 से 8 किलोमीटर है. यहां पहुंचने के लिए स्टेशन से टैक्सी या शेयरिंग ऑटो की सेवा ली जा सकती है. प्रयागराज के इस खूबसूरत घाट पर बोटिंग का मजा लिया जा सकता है.राम घाटसंगम नगरी प्रयागराज के संगम घाट के पास स्थित राम घाट भी श्रद्धालुओं से लेकर पर्यटकों तक के आकर्षण का प्रमुख केंद्र है. इस घाट पर बोटिंग की सबसे शानदार सुविधाएं उपलब्ध है. संगम घाट से राम घाट की दूरी मात्र 3 मिनट की है. वहीं, प्रयागराज जंक्शन से 6-7 किलोमीटर है. प्रयागराज जंक्शन से यहां पहुंचने टैक्सी या शेयरिंग ऑटो की सेवा ली जा सकती है. इस घाट की सुंदरता शाम के समय होने वाली आरती के दौरान देखने लायक होती है.अरैल घाटसंगम नगरी प्रयागराज में यमुना नदी के किनारे स्थित अरैल घाट अपनी प्राकृतिक सुंदरता और शांति के लिए जाना जाता है. हालांकि, महाकुंभ के दौरान यहां उमड़ी भीड़ में शांति का अनुभव करना थोड़ा कठिन हो सकता है. अरैल घाट से संगम घाट सड़क मार्ग से 30 मिनट की दूरी पर है. महाकुंभ के दौरान गाड़ियों का आवागमन सीमित हो सकता है, इसलिए पैदल चलकर यहां पहुंचना सबसे बेहतर विकल्प हो सकता है.दशाश्वमेध घाटमान्यता है कि दशाश्वमेध घाट पर ब्रह्मा जी ने स्वयं ब्रह्मेश्वर महादेव शिवलिंग की स्थापना की थी. दशाश्वमेध मंदिर में अबतक वह शिवलिंग स्थापित है. यहां एक साथ दो शिवलिंगों ब्रह्मेश्वर और दशाश्वेवर की पूजा होती है. सावन में इस मंदिर में विशेष पूजन का महत्व है. महाकुंभ 2025 के लिए दशाश्वमेध मंदिर और घाट का जीर्णोद्धार किया गया है. यहां की सुंदरता बढ़ाने के लिए रेड सैंड स्टोन, नक्काशी के साथ साथ लाइटिंग की व्यवस्था की गई है. इससे इस घाट की भव्यता फिर लौट आई है और अब श्रद्धालु मंदिर में दर्शन और पूजन का आनंद ले सकते हैं.(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)