newswomen.in

Empowering Voices, Informing Minds

कोविड-19 से नहीं बिगड़ते मल्टीपल स्क्लेरोसिस के लक्षण, शोध में हुआ खुलासा, जानिए क्या है ये बीमारी

1 min read

एक शोध में यह बात सामने आई है कि कोविड-19 संक्रमण से मल्टीपल स्क्लेरोसिस से पीड़ित लोगों में लक्षण नहीं बिगड़ते हैं. यानी कोविड-19 संक्रमण इस गंभीर बीमारी के लक्षणों को नहीं बढ़ाता है. मल्टीपल स्क्लेरोसिस एक लंबे समय तक चलने वाली बीमारी है जो सेंट्रल नर्वस सिस्टम को प्रभावित करती है और शरीर की हेल्दी सेल्स पर ऑटोइम्यून हमले के कारण होती है.डलास में टेक्सास विश्वविद्यालय के साउथ वेस्टर्न मेडिकल सेंटर के शोधकर्ताओं ने 65 साल की औसत आयु वाले 2,132 वयस्कों पर यह शोध किया. 18 महीने तक उनकी निगरानी की गई. वैसे संक्रमणों को एमएस वाले लोगों में और खराब माना जाता है जिससे उनमें शारीरिक अक्षमता भी आ सकती है. न्यूरोलॉजी जर्नल के ऑनलाइन अंक में प्रकाशित परिणामों से पता चला है कि खासतौर से कोविड-19 संक्रमणों के लिए यह सच नहीं था. यह उन एमएस रोगियों के लिए राहत भरी खबर है जिनको कोविड-19 संक्रमण हुआ था.यह भी पढ़ें: रात को सोते हुए मोजे पहनते हैं आप, तो जान लीजिए ऐसा करने के फायदे और नुकसानविश्वविद्यालय से और अमेरिकन एकेडमी ऑफ न्यूरोलॉजी के सदस्य एम्बर साल्टर ने कहा, “यह मल्टीपल स्क्लेरोसिस वाले लोगों के लिए अच्छी खबर है, कि उन्हें कोविड-19 संक्रमण के बाद अपने मल्टीपल स्क्लेरोसिस लक्षणों के लॉन्ग टर्म में बिगड़ने के बारे में चिंता करने की जरूरत नहीं है.”शोध में कुल 796 लोगों ने कोविड संक्रमण होने की सूचना दी और 1,336 लोगों ने कभी कोविड नहीं होने की सूचना दी. शोध के दौरान प्रतिभागियों ने अपने एमएस लक्षणों की गंभीरता की भी सूचना दी और उनसे चलने, हाथ के कार्य, शारीरिक दर्द, थकान, स्मृति और सोच के बारे में पूछा गया.यह भी पढ़ें: मोटापा बढ़ता ही जा रहा है, तो सर्दियों के अपने रूटीन में कर लें बस ये 5 बदलाव, फैट घटाने में मिलेगी मददप्रतिभागियों ने अपनी दिव्यांगता लेवल की भी सूचना दी, जो इस बात पर आधारित थी कि उनकी स्थिति चलने या खड़े होने जैसी डेली एक्टिविटीज को कैसे प्रभावित करती है.निष्कर्षों से पता चला कि कोविड वाले और बिना कोविड वाले लोगों के लिए एमएस लक्षण की गंभीरता नाममात्र 0.02 प्रतिशत प्रति माह बढ़ी.कोविड वाले और बिना कोविड वाले लोगों के बीच एमएस लक्षण की गंभीरता में कोई अंतर नहीं पाया गया. साल्टर ने कहा, “हमारा अध्ययन यह संकेत देता है कि कोविड-19 संक्रमण लक्षण की गंभीरता या अक्षमता में तत्काल बदलाव से जुड़ा नहीं था और न ही इसने संक्रमण के डेढ़ साल से ज्यादा समय तक मल्टीपल स्क्लेरोसिस के लक्षणों को बदला.”Watch Video: किन लोगों को होती है फैटी लिवर की बीमारी? डॉक्टर सरीन से जानिए…

Loading

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed

Copyright © All rights reserved. | Newsphere by AF themes.